
अनुराग कश्यप जो अपनी बेबाकी और अलग तरह की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, उनका मानना है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अब रचनात्मकता की कमी होती जा रही है।अनुराग कश्यप का बयानहाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में अनुराग कश्यप ने कहा, “आजकल बॉलीवुड में नए विचारों और अनूठी कहानियों की कमी है।
अधिकतर फिल्में साउथ की सुपरहिट फिल्मों की रीमेक बन रही हैं या फिर वही घिसे-पिटे फॉर्मूले दोहराए जा रहे हैं।” उनका मानना है कि पहले जहां फिल्ममेकर जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते थे, वहीं अब केवल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की गारंटी देने वाले प्रोजेक्ट्स को तवज्जो दी जा रही है।
रीमेक ट्रेंड से हो रहा नुकसानहाल के वर्षों में हिंदी सिनेमा में Drishyam, Vikram Vedha, Jersey जैसी कई रीमेक फिल्में आईं, लेकिन इनमें से कुछ ही दर्शकों को प्रभावित कर पाईं। अनुराग कश्यप का कहना है कि रीमेक कल्चर के कारण बॉलीवुड में मौलिक कहानियों और नए टैलेंट को मौका नहीं मिल पा रहा है।
साउथ सिनेमा की तारीफअनुराग कश्यप ने दक्षिण भारतीय फिल्मों की तारीफ करते हुए कहा कि वहां अब भी ओरिजिनल कहानियों पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “साउथ इंडस्ट्री में फिल्ममेकर्स को रचनात्मक स्वतंत्रता मिलती है, और वे नए विचारों के साथ प्रयोग करने से नहीं डरते।
“क्या होगा बॉलीवुड का भविष्य?अगर बॉलीवुड को फिर से अपनी खोई हुई पहचान पानी है, तो उसे नए कंटेंट और अनोखी कहानियों पर ध्यान देना होगा। अनुराग कश्यप की बातों से यह साफ है कि अगर इंडस्ट्री ने इस रीमेक ट्रेंड को जारी रखा, तो वह दर्शकों की रुचि धीरे-धीरे खो सकती है।