वीर दास के इस अनुभव ने उनकी फ्लाइट यात्रा में एयर इंडिया की सेवाओं को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि वे और उनकी पत्नी को जो सर्विस अप्रैल में मिली, उससे वे अपनी उम्मीदों से बहुत दूर रहे।
उनका कहना था कि उन्हें हर सीट के लिए 50,000 रुपये का भुगतान किया गया था, फिर भी उन्हें टूटी हुई मेज, टूटे हुए फुटरेस्ट, और झुकी हुई सीट मिली जिसे वह रिक्लाइन मोड पर सही ढंग से नहीं कर पा रहे थे।
उन्होंने इसके साथ ही यह भी बताया कि उनकी पत्नी, जिनके पैर में फ्रैक्चर था, को व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसकी उन्हें प्री-बुकिंग के बाद भी यकीन था।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि वे दिल्ली के लिए फ्लाइट ले रहे थे, लेकिन फ्लाइट में देरी होने के कारण उन्हें डिस्कम्फर्ट झेलना पड़ा। उन्होंने एयर होस्टेस से मदद की अपील की, लेकिन उनका अनुभव उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाया।
यह घटना उनके अनुभव को लेकर एयर इंडिया की ओर से जिम्मेदारी की गहरी चिंता और जांच की मांग को उठाती है। एयरलाइन्स के तर्क से इस घटना का समाधान करने के बावजूद, इस प्रकार की यात्रा अनुभवों को सुधारने की जरूरत है ताकि यात्री सुरक्षित और संतुष्ट महसूस करें।
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